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    Question ID: 162626Country: India

    Title: मैं मेरी ज़कात रोजाना हिसाब कर के जितना फायदा हुआ है उसके मुताबिक 2.5℅ देता हूं. क्या मुझे सालाना जकात अलग से जितना सेविंग हुवा है उस पर देना पड़ेगी या नही?

    Question: मैं मेरी ज़कात रोजाना हिसाब कर के जितना फायदा हुआ है उसके मुताबिक 2.5℅ देता हूं. क्या मुझे सालाना जकात अलग से जितना सेविंग हुवा है उस पर देना पड़ेगी या नही?

    Answer ID: 162626

    Bismillah hir-Rahman nir-Rahim !

    Fatwa ID: 1053-886/N=09/1439

     

    ज़कात में रोज़ाना का हिसाब लगाने की ज़रूरत नहीं, नींज़ ज़कात सिर्फ प्रॉफिट पर वाजिब नहीं होती, प्रॉफिट के साथ असल तेजारती सरमाया पर भी वाजिब होती है। आपकी ज़कात का साल चाँद के हिसाब से जिस तारीख में मुकम्मल होता हो, आप उस तारीख में अपने तमाम बैंक बैलेंस, बिज़नेस का माल, सोना चाँदी और घर और हाथ में मौजूद करंसी का हिसाब लगाऐं, इसके बाद जो कुछ मौजूद हो, उसका चालीसवाँ हिस्सा ज़कात में अदा करदें। और अगर चालीसवाँ हिस्सा निकाल कर अलग करलें और जैसी आसानी हो थोड़ा थोड़ा ग़रीबों को देते रहें तो इसकी भी गुंजाइश है;अलबत्ता दुसरा साल आने से पहले पूरी ज़कात ज़रूर अदा करदें, इस से ज़्यादा ताखीर न करें या आप साल मुकम्मल होने से पहले एडवांस में ही मुसतहिक़्क़ीन को ज़कात देते रहें और साल मुकम्मल होने पर हिसाब करलें और जो ज़कात रह गई, वो अदा करदें;बल्कि यह (एडवांस वाली) सूरत, पहली सूरत से बेहतर है।

    Allah (Subhana Wa Ta'ala) knows Best

    Darul Ifta,

    Darul Uloom Deoband, India